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Kritika

अध्याय: माता का आँचलRead More➔

पाठ योजना: गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम (Activity-based Lesson Plan)

समय: 45 मिनट

पाठ का नाम: माता का आँचल

पाठ्यक्रम उद्देश्य:

  1. छात्रों को कविता “माता का आँचल” को समझने और व्याख्यान करने की क्षमता विकसित करना।
  2. छात्रों की कविता में व्यक्तित्व और भावनाओं को समझने और व्यक्त करने की क्षमता को विकसित करना।
  3. छात्रों को संगठनशीलता, सहयोग, और साझेदारी के महत्व को समझाना।

पाठ्यक्रम विषयांकन:

  1. पूर्वजन्म के रहस्य को जानें (5 मिनट)
    • छात्रों को पूर्वजन्म के रहस्य के बारे में विचार करने के लिए प्रेरित करें।
    • उन्हें समझाएं कि कविता के माध्यम से व्यक्तित्व और भावनाएं कैसे संवादित हो सकती हैं।
  2. कविता “माता का आँचल” का पाठ करें (10 मिनट)
    • छात्रों को कविता “माता का आँचल” का पाठ करें।
    • समझाएं कि कविता के माध्यम से उनके व्यक्तित्व और भावनाएं कैसे प्रकट हो सकती हैं।
  3. समझो-सुनो गतिविधि (15 मिनट)
    • छात्रों को समझो-सुनो गतिविधि के लिए समूहों में बांटें।
    • प्रत्येक समूह को कविता के रूपांतरण और समझने के लिए समय दें।
    • उन्हें कविता के माध्यम से अपने भावनाओं को संवादित करने की अनुमति दें।
  4. समय-व्यवस्था गतिविधि (10 मिनट)
    • छात्रों को समय-व्यवस्था गतिविधि के लिए समूहों में बांटें।
    • प्रत्येक समूह को कविता के महत्वपूर्ण पंक्तियों को चुनने और उन्हें समय के आधार पर संगठित करने के लिए समय दें।
    • समूहों को उनके संगठन और सहयोग की जरूरत को समझाएं।
  5. समीक्षा और सारांश (5 मिनट)
    • छात्रों से कविता “माता का आँचल” के महत्वपूर्ण पक्षों पर चर्चा करें।
    • सामान्य प्रश्न पूछें और उनकी जानकारी का मूल्यांकन करें।

अवलोकन: इस पाठ के माध्यम से, छात्रों को कविता “माता का आँचल” को समझने, व्याख्यान करने और उसमें व्यक्तित्व और भावनाएं प्रकट करने की क्षमता प्राप्त होगी। यह गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम छात्रों के भावनात्मक और सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित करेगा और सहयोग, साझेदारी, और संगठनशीलता के महत्व को समझाएगा।

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पाठ के उद्देश्य:

  1. छात्र उपन्यास के मुख्य विषयों और कहानी के संग्रहीत पाठों की समझ कर सारांश बना सकेंगे।
  2. छात्र को विभिन्न पाठों में प्रयुक्त रस, अलंकार, और छंद की पहचान करने में सक्षम बनाया जाएगा।
  3. छात्र को एक कहानी की संरचना को समझने और उसे व्यक्तिगत तरीके से व्याख्या करने में कौशल प्राप्त होगा।

सीखने के परिणाम: छात्र यह समझेंगे कि:

  1. कथा के मुख्य पाठ में किन-किन विषयों का विवरण है।
  2. कथा में प्रयुक्त रस, अलंकार और छंद के प्रकारों को पहचान सकते हैं।
  3. कथा की अवधारणा, संरचना, और पाठों का संग्रह कैसे बनाए गए हैं।

समय: 45 मिनट

पाठ योजना: चरण 1: प्रेरित करें (Engage)

  • छात्रों को उपन्यास “साना साना हाथ जोड़ी” के बारे में थोड़ी जानकारी दें।
  • उनसे पूछें कि क्या वे हाथों को जोड़कर भाषा का इस्तेमाल करने के महत्व को समझते हैं।
  • एक छोटी सी कहानी सुनाएं, जिसमें भाषा के महत्व का प्रयोग किया गया हो।

चरण 2: अन्वेषण करें (Explore)

  • छात्रों को व्यक्तिगत तौर पर कहानी की संरचना और पाठों की संग्रहीत प्रवृत्तियों को खोजने के लिए एक समूह गतिविधि दें।
  • वे अपने समूह के साथ विभिन्न पाठों को पढ़ेंगे और प्रमुख विषयों, रस, अलंकार और छंद की पहचान करेंगे।
  • छात्रों से उन पाठों की संग्रहीत प्रवृत्तियों का विवरण करने के लिए समूहों को कहा जाएगा।

चरण 3: समझाएं (Explain)

  • छात्रों को उपन्यास में पाठों के मुख्य विषयों के बारे में विस्तार से बताएं।
  • रस, अलंकार और छंद की पहचान करने के लिए उदाहरण दें और उनकी समझ में सहायता करें।
  • छात्रों से पूछें कि कैसे प्रवृत्तियां एक कथा को संरचित करती हैं और कैसे वे उन्हें व्याख्या कर सकते हैं।

चरण 4: विस्तार करें (Elaborate)

  • विभिन्न पाठों से दिए गए अभ्यास को समाप्त करने के लिए छात्रों को एक विस्तार की गतिविधि दें।
  • उन्हें एक नई कहानी लिखने के लिए प्रेरित करें, जिसमें प्रवृत्तियों, रस, अलंकार और छंद का प्रयोग करें।
  • वे अपनी कहानी को समूह में साझा करेंगे और उनके साथ एक-दूसरे की कहानियों का समीक्षा करेंगे।

चरण 5: मूल्यांकन करें (Evaluate)

  • छात्रों को छात्रों को एक छोटे परीक्षण के माध्यम से प्राप्त ज्ञान का मूल्यांकन करने के लिए एक वस्त्र दें।
  • उनके द्वारा लिखी गई कहानी को गुणों के आधार पर मूल्यांकन करें।
  • समूह विचारणा के माध्यम से छात्रों की प्रगति को मूल्यांकन करें।

ध्यान दें: यह पाठ योजना सिर्फ एक साधारण मार्गदर्शिका है। आप अपने छात्रों की आवश्यकताओं और अवस्था के अनुरूप इसे समायोजित कर सकते हैं।

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पाठ योजना: गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम (Activity-based Lesson Plan)

विशेष लक्ष्य:

  • छात्रों को समझाना कि लेखन क्यों महत्वपूर्ण है और उसके लाभ क्या हैं।
  • उन्हें बताना कि लेखन की प्रक्रिया क्या है और उसे अच्छी तरह से कैसे संपादित किया जाता है।
  • छात्रों को एक गर्मजोशीपूर्ण लेख लिखने के लिए प्रेरित करना।

समय: 45 मिनट

पाठ योजना:

  1. प्रारंभिक गतिविधि (5 मिनट):
    • छात्रों का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक सर्वेक्षण विचाराधीनता का आयोजन करें। विद्यार्थी से पूछें कि उन्हें लगता है कि लेखन क्यों महत्वपूर्ण है और उन्हें लिखने का अनुभव कैसा रहा है। इस तरह से, आपको छात्रों की मुख्य धारणा को जानने का मौका मिलेगा।
  2. प्रवेशिक गतिविधि (10 मिनट):
    • एक पाठ्यपुस्तक के आधार पर छात्रों को लिखन के लाभों के बारे में बात करें। इसके लिए, उन्हें पढ़ने के और लेखन के फायदों की सूची बनाने के लिए समूह में बांटें। सभी सूची को बाद में एकत्र करें और छात्रों से पूछें कि क्या वे इन लाभों के बारे में सहमत हैं या नहीं।
  3. मुख्य गतिविधि (20 मिनट):
    • एक छात्र द्वारा एक लेख पठन के बाद, छात्रों से लेख की विशेषताओं के बारे में चर्चा करें।
    • छात्रों को लेखन प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए समूहों में बाँटें। हर समूह को एक-दूसरे के साथ लेखन की प्रक्रिया शेयर करनी चाहिए।
    • हर समूह को गर्मजोशीपूर्ण लेख लिखने के लिए प्रेरित करें।
  4. निष्कर्ष (5 मिनट):
    • छात्रों से पूछें कि उन्हें आज का पाठ कैसा लगा।
    • विद्यार्थियों को धन्यवाद दें और उन्हें याद दिलाएं कि लेखन में निरंतरता और समय-सारणी का महत्व है।
  5. समापन गतिविधि (5 मिनट):
    • विद्यार्थियों को एक बार फिर से उनकी मुख्य धारणा के बारे में जानने के लिए एक संक्षेप में बात करें।
    • उन्हें कुछ मिनटों के लिए अपने साथी छात्रों के साथ बैठने का समय दें और उन्हें एक छोटे ग्रुप आधारित लेख लिखने के लिए प्रेरित करें।

यह पाठ योजना 5E (प्रवेश, प्रारंभिक, मुख्य, निष्कर्ष, समापन) तकनीक का उपयोग करके बनाई गई है। इसके माध्यम से छात्रों को गहन ज्ञान प्राप्त करने का मौका मिलेगा और उन्हें लेखन की महत्वपूर्णता और प्रक्रिया के बारे में गहराई से समझ मिलेगी।

Sanchayan Bhag-2

अध्याय: हरिहर काकाRead More➔

पाठ योजना: गतिविधि-आधारित, 5E विधि का उपयोग करके

समय: 45 मिनट

पाठ्यक्रम:

  1. प्रवेश (5 मिनट)
    • विद्यार्थियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए विषय का परिचय दें।
    • पिछले पाठ में सीखा गया सारांश द्वारा विद्यार्थियों का ज्ञान संक्षेप में सुनिश्चित करें।
  2. ज्ञानार्जन (10 मिनट)
    • हरिहर काका के बारे में विद्यार्थियों के ज्ञान की जांच करें।
    • उन्हें कहानी के मुख्य पात्रों के बारे में बताएं।
  3. गतिविधि (15 मिनट)
    • विद्यार्थियों को एक संज्ञा संग्रहालय बनाने के लिए कहें।
    • वे अलग-अलग प्रकार की संज्ञाओं को चुनें और उनके बारे में जानकारी इकट्ठा करें।
    • प्रत्येक संज्ञा के लिए उसका उपयोग करने के तरीके सोचें और वाक्य बनाएं।
  4. विस्तार (10 मिनट)
    • विद्यार्थियों को उनके बनाए गए वाक्यों को साझा करने का अवसर दें।
    • प्रत्येक विद्यार्थी को अपने वाक्यों को समर्थन करने के लिए एक दूसरे के सामर्थ्य को देखने का अवसर दें।
  5. निष्कर्ष (5 मिनट)
    • छात्रों को हरिहर काका की कहानी के महत्वपूर्ण पाठ समझाएं।
    • उनके द्वारा बनाए गए वाक्यों के माध्यम से उनकी स्थिति, भावनाएं और संदेश को समझाएं।

सीमाएँ:

  • विद्यार्थियों को संज्ञाओं की सही चयन करने और वाक्य बनाने में मदद करें।
  • सभी छात्रों को अपने वाक्यों को साझा करने का मौका दें।
  • छात्रों की सहायता करें जब वे वाक्य बनाने में संकोच करते हैं।

अभिक्षमता:

  1. छात्र संज्ञाओं की पहचान कर सकेंगे और उनका उपयोग कर सकेंगे।
  2. विद्यार्थी स्वतंत्रता के साथ वाक्य बना सकेंगे।
  3. छात्रों को भाषा के माध्यम से कहानी के महत्वपूर्ण पाठ को समझने में मदद मिलेगी।

अध्याय: सपनों के-से दिनRead More➔

पाठ का नाम: सपनों के-से दिन का परिचय

समय: 45 मिनट

पाठ्यक्रम:

  1. प्रारंभिक गतिविधि (5 मिनट):
    • पिछले अध्याय से संबंधित संक्षेप में परिचय कराएं।
  2. ज्ञान प्राप्ति (15 मिनट):
    • अध्याय “सपनों के-से दिन” की पूरी सारांशिक कहानी सुनाएं।
    • छात्रों को अध्याय के मुख्य पात्रों के बारे में बताएं।
    • पाठ के मुख्य उद्देश्यों को समझाएं।
  3. गतिविधि (15 मिनट):
    • छात्रों को एक छोटे समूह में विभाजित करें।
    • प्रत्येक समूह को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करें।
    • उन्हें अध्याय में वर्णित पात्रों के बारे में विचारों का विवरण करने के लिए कहें।
    • प्रत्येक समूह को अपने विचारों को समारूप में प्रस्तुत करने के लिए कहें।
  4. सारांश और समीक्षा (10 मिनट):
    • प्रत्येक समूह से एक प्रतिनिधि को अपने समूह के विचारों का सारांश प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित करें।
    • प्रत्येक प्रतिनिधि को अपने समूह के बारे में संक्षेप में बताएं।
    • छात्रों के समूहों के विचारों की समीक्षा करें और अध्याय के मुख्य उद्देश्यों को सुनिश्चित करें।
  5. गृह-कार्य (5 मिनट):
    • छात्रों को अध्याय के आधार पर घर का कार्य सम्पूर्ण करने के लिए अनुरोध करें।
    • आगामी पाठ के लिए विद्यार्थियों को तैयार रहने का प्रोत्साहन दें।

अधिगम लक्ष्य:

  1. छात्र समझेंगे कि कहानी के मुख्य पात्र कैसे अपने सपनों को प्राप्त करते हैं।
  2. छात्र व्यक्तिगत विचारों को समारूप में प्रस्तुत कर सकेंगे।

सीमित सीमाएं:

  • छात्रों को आवश्यकतानुसार समूहों में विभाजित करें।
  • छात्रों को प्रोत्साहित करें अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने के लिए।

समापन लक्ष्य:

  • छात्रों को पाठ के मुख्य उद्देश्यों की समझ में मदद मिलेगी।
  • छात्रों को ग्रहणशक्ति, समझबूझ और वाद-विवाद क्षमता को विकसित करने में मदद मिलेगी।

अध्याय: टोपी शुक्लाRead More➔

लक्ष्य: इस पाठ के अंत में, छात्र समझेंगे कि:

  1. कहानी “टोपी शुक्ला” का मुख्य विषय और प्रेमचंद की सोच क्या है।
  2. टोपी शुक्ला के चरित्र और उसके संघर्षों को विश्लेषण करें।
  3. कहानी के माध्यम से संदेश का व्याख्यान करें।
  4. हिंदी में अपनी पठन और समझ कौशल को सुधारें।

अधिगम-लक्ष्य:

  1. छात्र स्वयं के शब्दों में कहानी “टोपी शुक्ला” का संक्षेप में विवरण कर पाएंगे।
  2. छात्र मुख्य घटनाओं और प्रमुख परेशानियों की पहचान और चर्चा कर पाएंगे।
  3. छात्र अपनी राय और कथा के व्याख्यान को व्यक्त कर पाएंगे।
  4. छात्र स्वयं के जीवन और समाज पर कहानी के प्रभाव का विश्लेषण कर पाएंगे।

समय: 45 मिनट

5E पद्धति:

  1. प्रवेश कराएं:
    • पाठ की शुरुआत करें, छात्रों से पूछें कि क्या उन्होंने अपने जीवन में किसी चुनौती या संघर्ष का सामना किया है।
    • उन्हें “टोपी शुक्ला” की पुस्तक की कवर दिखाएं और पूछें कि कहानी के बारे में वे क्या सोचते हैं।
    • छात्रों के बीच उनकी प्राथमिक विचारों और अपेक्षाओं के बारे में एक संक्षेपमें चर्चा को बढ़ावा दें।
  2. अन्वेषण कराएं:
    • प्रत्येक छात्र को “टोपी शुक्ला” की कहानी की एक प्रतियां दें या इसे बोर्ड पर प्रदर्शित करें।
    • छात्रों से कहें कि वे कहानी को चुपचाप पढ़ें, कहानी के प्रेमचंद, पात्रों और महत्वपूर्ण घटनाओं पर ध्यान दें।
    • पढ़ने के बाद, एक संक्षेपमें छात्रों के प्राथमिक प्रतिक्रिया और कहानी के बारे में विचारों को संकलित करने के लिए एक संक्षिप्त कक्षा चर्चा का संचालन करें।
  3. समझाएं:
    • छात्रों के साथ कहानी के मुख्य प्लॉट और पात्रों के बारे में एक विस्तृत चर्चा में मार्गदर्शन करें।
    • टोपी शुक्ला के चरित्र के संघर्षों और उसके सामने आने वाली परेशानियों को समझाएं।
    • कहानी के संदेश या विषय की चर्चा करें और उसका वास्तविकता से कितनतक संबंधित है।
    • छात्रों द्वारा चर्चा के दौरान उठाए गए किसी भी प्रश्न या संदेह को स्पष्ट करें।
  4. विस्तार कराएं:
    • कक्षा को छोटे समूहों में बांटें और प्रत्येक समूह को कहानी से संबंधित प्रश्नों का एक सेट प्रदान करें।
    • उनके समूह में, छात्रों को टोपी शुक्ला के चरित्र, उसके संघर्षों और संदेश का विश्लेषण करने के लिए कहें।
    • छात्रों को उनकी व्याख्यानों और अपनी रायों को अपने समूह के सदस्यों के साथ साझा करने को प्रोत्साहित करें।
    • समूह चर्चा के बाद, प्रत्येक समूह को अपने खोज और अंतर्दृष्टि का प्रस्तुत करने के लिए कहें।
  5. मूल्यांकन करें:
    • व्यक्तिगत लेखन कार्य असाइन करें जहां छात्रों को “टोपी शुक्ला” की कहानी को स्वयं के शब्दों में संक्षेप में सारांश देना होगा।
    • छात्रों के लिखित सारांश के आधार पर उनकी पठन और समझ कौशल का मूल्यांकन करें।
    • छात्रों से प्रेरित करें कि वे कहानी और उसके संदेश पर अपने जीवन और समाज पर कितना प्रभाव डालती हैं, इस पर विचार करें।
    • पाठ को कुछ लिखित सारांशों की चर्चा करके समाप्त करें और छात्रों को प्रतिक्रिया प्रदान करें।

ध्यान दें: प्रत्येक चरण की अवधि विद्यार्थियों के धारणा और गति के आधार पर अलग हो सकती है।

Sparsh

अध्याय-1 -साखीRead More➔

अवधि: 45 मिनट

लक्ष्य: इस पाठ के अंत में, छात्र इस बात को समझेंगे कि:

  1. साखी की अर्थव्यवस्था और हिंदी साहित्य में इसका महत्व समझें।
  2. कबीरदास द्वारा साखी में प्रस्तुत की गई प्रमुख विषय और संदेश की विश्लेषण करें।
  3. साखी में दर्शाए गए नैतिक मूल्यों का विश्लेषण करें और विचारशीलता व क्रियात्मक चिन्तन कौशल विकसित करें।
  4. शब्दावली विस्तार और समझने के कार्यक्रम के माध्यम से अपने हिंदी भाषा कौशलों को सुधारें।

शिक्षागत परिणाम:

  1. छात्र साखी शब्द के अर्थ को समझाएंगे और हिंदी साहित्य में इसके महत्व को पहचानेंगे।
  2. छात्र साखी के माध्यम से प्रस्तुत की जाने वाली मुख्य विषयों और संदेशों की पहचान और विश्लेषण कर सकेंगे।
  3. छात्र साखी में दर्शाए गए नैतिक मूल्यों का विश्लेषण करने और उसकी व्याख्या करने में सक्षम होंगे।
  4. छात्र हिंदी में सक्रिय संवाद करके सुधारेंगे, समूह चर्चा में हिस्सा लेंगे और अपने विचारों को व्यक्त करेंगे।

आवश्यक सामग्री:

  1. प्रत्येक छात्र के लिए कबीरदास द्वारा साखी की प्रतियाँ।
  2. व्हाइटबोर्ड या चार्ट पेपर।
  3. मार्कर या चाकूलिपि।
  4. समझ बुझ के प्रश्नों के साथ हैंडआउट।

कार्यप्रणाली:

  1. प्रवर्तन (10 मिनट): एक छात्र पाठ की शुरुआत करके पूछें कि क्या उन्हें “साखी” शब्द और इसका अर्थ पता है। उनके जवाबों पर चर्चा करें और साखी का संक्षेप में व्याख्यान करें, साथ ही हिंदी साहित्य में इसका महत्व पर ध्यान दें। कबीरदास द्वारा साखी को छात्रों के साथ साझा करें और उन्हें इसे ध्यान से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
  2. अन्वेषण (10 मिनट): छात्रों को साखी के बारे में अपने प्राथमिक विचार और व्याख्यान साझा करने के लिए प्रेरित करें। मुख्य विषयों और संदेशों के बारे में खुले सवाल पूछकर चर्चा को संचालित करें। सवालों को समझाते हुए, व्हाइटबोर्ड या चार्ट पेपर पर मुख्य विषयों को लिखें।
  3. समझाएँ (10 मिनट): साखी की एक विस्तृत व्याख्या प्रदान करें, जहां इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ को उजागर किया जाए। साखी में कबीरदास द्वारा प्रयुक्त प्रतीकवाद और रुपकों पर चर्चा करें। छात्रों को सवाल पूछने और उनके सभी संदेहों को स्पष्ट करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  4. विस्तार (10 मिनट): छात्रों को छोटे समूहों में बांटें। साखी से संबंधित समझ बुझ संदेह पूछने वाले हस्तलिखित प्रश्नों के साथ हैंडआउट वितरित करें। समूहों को समझौते हुए सवालों पर चर्चा करने और सहमति के उत्तर देने के लिए कहें। समूहों का पदानुक्रम बदलें और उन्हें निरीक्षण करें, जैसे आवश्यकता हो उससे सहायता प्रदान करें।
  5. मूल्यांकन (5 मिनट): कक्षा को एकत्रित करें और हर समूह को अपने उत्तर और व्याख्यान को प्रस्तुत करने के लिए कहें। छात्रों को अपने विचारों को व्यक्त करने और संवाद में सहयोगी चर्चा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें। महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया और मुख्य विषयों और संदेशों की पुष्टि करें।

विस्तार:

  • छात्रों को निर्देशित करें कि वे साखी में दर्शाए गए नैतिक मूल्यों पर एक लघु पैराग्राफ या निबंध लिखें।
  • एक रोल-प्ले गतिविधि आयोजित करें, जहां छात्र साखी के पात्रों और घटनाओं को निभाएं।
  • छात्रों को कबीरदास द्वारा या अन्य हिंदी कवियों द्वारा लिखी गई अन्य साखियों की खोज और प्रस्तुति करने का निर्देश दें।

ध्यान दें: प्रत्येक खंड के लिए समय आवंटन अंदाज़े के आधार पर है और छात्रों के गति और आवश्यकताओं के आधार पर समायोजित किया जा सकता है।

अध्याय: 2 – पदRead More➔

उद्देश्य:

  1. छात्रों को हिंदी कविता में ‘पद’ की अवधारणा का परिचय देना।
  2. विभिन्न प्रकार के पदों और उनके महत्व की समझ में छात्रों की क्षमता को विकसित करना।
  3. छात्रों को हिंदी कविताओं में पदों की पहचान करने और उन्हें विश्लेषण करने में सक्षम करना।
  4. छात्रों को अपनी रचनाओं में उचित पदों को शामिल करने के लिए उत्साहित करना।

शिक्षार्थी उत्पन्नता: इस पाठ के अंत में, छात्र निम्नलिखित कर सकेंगे:

  1. हिंदी कविता में ‘पद’ की अवधारणा की परिभाषा और समझा सकेंगे।
  2. हिंदी कविताओं में विभिन्न प्रकार के पदों की पहचान कर सकेंगे।
  3. पदों के प्रभाव को कविता के समग्र अर्थ और ताल पर विश्लेषण कर सकेंगे।
  4. उचित पदों को शामिल करते हुए अपनी खुद की कविताएं रच सकेंगे।

5E पद्धति:

  1. आकर्षित करें (10 मिनट):
    • पाठ की शुरुआत एक वीडियो दिखाकर या हिंदी कविता पठाकर करें, जिसमें ‘पद’ को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है। यह छात्रों का ध्यान आकर्षित करेगा और उत्पन्न करेगा।
    • छात्रों से पूछें कि क्या उन्होंने पहले से ही ‘पद’ के बारे में सुना है और हिंदी कविता के बारे में उनकी पूर्वज्ञान पर एक संक्षिप्त चर्चा को बढ़ावा दें।
  2. खोजें (15 मिनट):
    • छात्रों को एक हाथ-आउट दें या बोर्ड पर कुछ हिंदी कविताओं के उदाहरण प्रदर्शित करें।
    • छात्रों से कहें कि वे कविताएं व्यक्तिगत रूप से पढ़ें और जिनके अंदर पद की कोई सूचना है, उन्हें पहचानें।
    • कक्षा में एक चर्चा का संचालन करें जहां छात्र अपनी जांच का साझा करें और कविताओं के समग्र ताल और अर्थ पर पद के प्रभाव पर चर्चा करें।
  3. समझाएं (10 मिनट):
    • हिंदी कविता में ‘पद’ की अवधारणा को परिचय दें, स्पष्टता से समझाएं कि यह कविता के संयोजन में उपयोग किए जाने वाले अलंकारिक ताल होते हैं।
    • प्रकाशित करके पदों के विभिन्न प्रकारों को, जैसे मात्रा, मात्रांक, यति और प्रसा, के लिए स्पष्ट व्याख्यान और उदाहरण प्रदान करें।
    • पदों के महत्व को समझाएं और कविता के समग्र ताल, मूड और अर्थ पर उनका प्रभाव बताएं।
  4. विस्तृत करें (15 मिनट):
    • छात्रों को छोटे समूहों में विभाजित करें और विभिन्न हिंदी कविताओं की प्रतियोगी प्रतिष्ठा करें।
    • हर समूह को सौंपें और उन्हें सौपे गए कविता का विश्लेषण करने और उनकी समूह में अपनी जांच का संवाद करने के लिए निर्देशित करें।
    • छात्रों को समझाएं कि वे प्रत्येक पद के प्रभाव को चुनें और कविता के समग्र संरचना और अर्थ पर उसका प्रभाव विचार करें।
    • प्रत्येक समूह को अपने विश्लेषण को कक्षा के सामरिक वातावरण में प्रस्तुत करने के लिए कहें।
  5. मूल्यांकन करें (10 मिनट):
    • छात्रों को एक लघु लेखन कार्य असाइन करें। उनसे कहें कि वे कम से कम दो प्रकार के पदों को शामिल करते हुए अपनी खुद की हिंदी कविता बनाएं।
    • कविताएं इकट्ठा करें और उन्हें छात्रों के पद के समझ और उनकी संशोधन क्षमता के आधार पर मूल्यांकित करें।
    • छात्रों को व्यक्तिगत फ़ीडबैक प्रदान करें, उनकी सशक्तियों को प्रमोट करें और सुधार करने की आवश्यकताओं पर ध्यान दें।

ध्यान दें: विद्यार्थियों की गति और सामग्री के प्रयोग की जटिलता के आधार पर प्रत्येक गतिविधि की अवधि में संशोधन करना सलाहकार है।

इस पाठ योजना का पालन करके, छात्र हिंदी कविता में पद के अवधारणा से सक्रिय रूप से जुड़ेंगे, जिससे उनकी गहरी समझ बढ़ेगी और वे अपनी खुद की रचनाओं में यह सृजनात्मक रूप से उपयोग कर सकेंगे।